गॉव के नौजवानों ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में मिशाल पेश की है

गोरखपुर जिले के पिपराइच ब्लाक अंतर्गत ग्राम सभा कैथवलिया के कुछ नौजवानों ने मिलकर एक मिसाल कायम की है। यहां पर कुल 70 से 75 नौजवानों ने मिलकर एक समिति का गठन किया है जिसका नाम रखा, युवा छात्र समिति। युवा छात्र समिति के सदस्य कुछ गांव में है और कुछ बाहर नौकरी कर रहे हैं। इसमें कुछ नौजवान इंजीनियरिंग की पढ़ाई किए हैं तो कुछ नौजवान गांव में ही छोटे-मोटे रोजगार का काम करते हैं। इन नौजवानों ने मिलकर गांव के विकास का संकल्प लिया है। गांव में गरीब लड़कियों की शादी, गरीब परिवार को चिकित्सीय सहायता देने में मदद, गांव में पौधारोपण और सफाई अभियान के माध्यम से गांव के नौजवानों को अच्छे कार्यों में शामिल किया है।

कलाम फाउंडेशन ने इन नौजवानों की उत्साह को देखकर इनको सहयोग करने का फैसला किया और टाटा ट्रस्ट के साथ मिलकर नौजवानों को मास्क बनाने और फेस शिल्ड बनाने का प्रशिक्षण दिलवाया गया। इन नौजवानों ने फेस मास्क और फेस शिल्ड बनाकर वितरित करवा रहे हैं। इन नौजवानों ने ग्राम पंचायत में कई जगहों पर हाथ को सैनिटाइज करने के लिए पोर्टेबल व्यवस्था की है।

कलाम फाउंडेशन ने नौजवानों को रोजगार के क्षेत्र में कई प्रशिक्षण प्रदान किया है। नौजवानों की एक टीम कृषि के क्षेत्र में और गांव में उपलब्ध कौशल के आधार पर रोजगार सृजन का खाका तैयार किया है। गांव के नौजवान इस समय मास्क और फेस शिल्ड बना कर लोगों की मदद कर रहे हैं। कलाम फाउंडेशन युवा छात्र समिति के इस प्रयास को पंख लगाने के लिए “हम हैं ना” कैंपेन के माध्यम से फंड इकट्ठा कर रहा है और इन नौजवानों को बाजार भी उपलब्ध करवा रहा है।

टीम को इंजीनियर मनोज कुमार और इंजीनियर सुधीर पासवान लीड कर रहे है। इन नौजवानों ने जेब खर्च से पैसा निकालकर लाखों रुपए लोगों की मदद की है। नौजवानों की यह टीम आज पूरे क्षेत्र में प्रेरणा का और संघर्ष का एक उदाहरण बन गया है।

गांव की कई महिलाएं और युवतियां अपने घरों में बैठकर मांस की सिलाई करती हैं और नौजवान फेस शिल्ड बनाते हैं तथा उसको बाजार उपलब्ध करवाते हैं। आपसे भी निवेदन है कि आप इस अभियान से जुड़कर इनकी मदद कीजिए और कलाम फाउंडेशन के “हम हैं ना” कैंपेन को अधिक से अधिक लोगों तक ले जाकर देश के गांव में प्रवासी मजदूरों के कौशल को बढ़ावा देने के लिए सहयोग कीजिए।